तर्कसंग्रह संस्कृत व्याख्या - श्रीकृष्णवल्लभाचार्य / Tarka Sangrah in Sanskrit - Shri Krishnavallabha Acharya

 तर्कसंग्रह संस्कृत व्याख्या - श्रीकृष्णवल्लभाचार्य / Tarka Sangrah in Sanskrit - Shri Krishnavallabha Acharya

 
वैदिक संस्कृति एवं संस्कृत साहित्य 
Vedic Sanskriti Evam Sanskrit Sahitya


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तर्कसंग्रह

पुस्तक का नाम - तर्कसंग्रह / Tarka Sangrah
रचयिता - अन्नम्भट्ट / Annam Bhatt
व्याख्याकार - श्रीकृष्णवल्लभाचार्य
प्रकाशन - व्यास प्रकाशन
विषय - दर्शन

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इस पुस्तक का नाम तर्कसंग्रह है। इसके रचयिता का नाम श्री अन्नम्भट्ट है। इसके व्याख्याकार श्रीकृष्णवल्लभाचार्य हैं। इसमें केवल संस्कृत व्याख्या है। 

इसके अन्दर चार प्रकार की व्याख्या है - न्यायबोधिनी,पदकृत्य, दीपिका और किरणावली
इस पुस्तक में १८८(188) पृष्ठ हैं।  इसका आकार 94.6MB है। यहां पर आप पुस्तक को ऑनलाइन भी पढ़ सकते हैं और डाउनलोड भी कर सकते हैं। दोनों का लिंक नीचे दिया गया है।
यह तर्कसंग्रह नामक ग्रंथ श्री अन्नम्भट्ट द्वारा विरचित वैशेषिक दर्शन का एक प्रकरण ग्रंथ है। आकार में यह छोटा सा है परन्तु
महत्त्वपूर्ण विषय सामग्री से भरा हुआ है, इस कारण रचनाकाल से लेकर अब तक इस ग्रंथ का महत्त्व बना हुआ है।। इसके अन्दर ग्रन्थकार ने वैशेषिक दर्शन के अनुसार - १.द्रव्य, २.गुण, ३.कर्म, ४.सामान्य, ५.विशेष, ६.समवाय और ७.अभाव । इन सात पदार्थों का भेद उपभेद पूर्वक संक्षिप्त तथा सारगर्भित विवेचन किया है।


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